बुधवार, जुलाई 2, 2025
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Farewell to Royal Train: अब नहीं दौड़ेगी शाही रेल !

किंग चार्ल्स का आधुनिक राजशाही मॉडल और पारंपरिक विरासत को विदाई

ब्रिटेन की शाही परंपराओं में एक महत्वपूर्ण अध्याय अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। राजा चार्ल्स द्वारा राजशाही को आधुनिक और अधिक व्यावसायिक रूप से विवेकपूर्ण बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के तहत, शाही ट्रेन (Royal Train) को स्थायी रूप से बंद किया जा रहा है। यह ट्रेन 1840 से ब्रिटिश रेलवे नेटवर्क पर शाही परिवार के सदस्यों की आवाजाही के लिए प्रयोग में लाई जाती रही है — एक चलती-फिरती प्रतीक थी शाही गौरव और परंपरा की।

क्यों बंद हो रही है शाही ट्रेन ?

वर्षों से यह ट्रेन ब्रिटेन की पहचान का हिस्सा रही है। लेकिन अब, इसके रखरखाव और स्टोरेज पर आने वाली भारी लागत, और इसके पुराने रोलिंग स्टॉक (1980 के दशक के) को आधुनिक मानकों पर लाने की जरूरत ने इस पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसके स्थान पर, दो ईंधन-कुशल हेलीकॉप्टरों को विकल्प के रूप में लाया जा रहा है।

प्रिवी पर्स के रखवाले जेम्स चाल्मर्स ने कहा:

“शाही ट्रेन निश्चित रूप से कई दशकों से राष्ट्रीय जीवन का हिस्सा रही है… लेकिन आगे बढ़ने के लिए हमें अतीत से बंधे नहीं रहना चाहिए।”

चाल्मर्स ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रेन के ऐतिहासिक हिस्सों को संग्रहालय या सार्वजनिक प्रदर्शनी में स्थायी घर देने की योजना है।

शाही खर्चों में पारदर्शिता और अनुशासन

2024-25 के लिए शाही परिवार के वार्षिक वित्तीय खाते यह दर्शाते हैं कि राजकोष द्वारा दिया जाने वाला संप्रभु अनुदान £86.3m पर स्थिर रहेगा। यह लगातार चौथा वर्ष है जब यह आंकड़ा अपरिवर्तित रहा है।

हालांकि, 2025 से 2027 के बीच यह अनुदान £132m प्रतिवर्ष तक बढ़ने की संभावना है — मुख्यतः क्राउन एस्टेट की अपतटीय पवन फार्म आय (जो पिछले वर्ष £1.1bn रही) और बकिंघम पैलेस के £369m नवीनीकरण को कवर करने हेतु।

यात्रा और ईंधन पर नजर

  • राजकीय यात्राओं की संख्या और लागत में वृद्धि हुई है, जिनमें समोआ की यात्रा पर ही £401,000 खर्च हुए।
  • शाही यात्रा खर्च कुल £4.7m तक पहुंच गया है।
  • शाही बेंटले में जैव ईंधन का उपयोग शुरू हो चुका है, और इलेक्ट्रिक वाहनों की योजना बनाई जा रही है।

डची ऑफ कॉर्नवाल का सामाजिक रुख

Prince Andrew waving from a window at left, with Queen Elizabeth II, Prince Edward, Lady Sarah Chatto and Viscount Linley in another window of the royal train at right, circa December 1965. Photograph: Fox Photos/Getty Images

प्रिंस विलियम द्वारा संचालित डची ऑफ कॉर्नवाल, जो उन्हें प्रति वर्ष लगभग £23m की आय देता है, अब सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है:

  • वन्यजीव ट्रस्ट, सेंट पेट्रोक्स बेघर आश्रय, और अन्य जमीनी संगठनों के लिए किराए माफ या 50% कम किए जाएंगे।
  • स्कूलों को भी किराया माफी के लिए पात्र बनाए जाने पर विचार हो रहा है।
  • हालांकि, रक्षा मंत्रालय और न्याय मंत्रालय जैसे सार्वजनिक निकायों के साथ वाणिज्यिक समझौते यथावत रहेंगे।

डची के सचिव विल बैक्स ने कहा:

“हम बदल रहे हैं क्योंकि हम अपने अतीत का सम्मान करते हैं… यह बदलाव एक नई सामाजिक और पारदर्शी दिशा का संकेत है।”

पारदर्शिता में बदलाव?

जहां एक ओर डची ऑफ कॉर्नवाल पारदर्शिता की दिशा में कदम उठा रहा है, वहीं यह भी देखा गया कि प्रिंस ऑफ वेल्स की वार्षिक वित्तीय समीक्षा में उनकी व्यक्तिगत आय और कर विवरण को शामिल नहीं किया गया — जो पूर्व प्रिंस (अब राजा) चार्ल्स द्वारा लागू की गई पारदर्शिता की नीति से अलग है।

निष्कर्ष: बदलाव के साथ सम्मान

राजा चार्ल्स के नेतृत्व में ब्रिटिश राजशाही एक नए युग में प्रवेश कर रही है – जहां परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है। शाही ट्रेन को अलविदा कहना एक ऐतिहासिक विदाई है, लेकिन यह केवल अंत नहीं, बल्कि नई सोच की शुरुआत है।

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