Ayodhya Deepotsav 2023 : अयोध्या में त्रेतायुग जैसी भव्य दीपावली

Ayodhya Deepotsav 2023

जीवंत हो उठा त्रेतायुग , मुख्यमंत्री योगी ने खींचा प्रभु श्री राम का रथ ।

Ayodhya Deepotsav 2023 : प्रभु श्रीराम की वापसी से अयोध्या एक बार पुन: जीवंत हो गई । प्रभु श्रीराम, सीता, भरत, लक्ष्मण और हनुमान के मनोहारी स्वरूप में अयोध्या आगमन । साक्षात त्रेतायुग जैसा दृश्य । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने प्रभु श्री राम के रथ को खिचने की परंपरा का निर्वहन किया ।  एक बार अयोध्या का दीपोत्सव त्रेतायुग जैसा जीवंत हो उठा ।

दोपहर रामकथापार्क में विराजमान लोगों के ऊपर पुष्पक विमान स्वरूप हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा का सुन्दर दृश्य और अगले पल सरयू तट पर लैंड करने के साथ श्रीराम, सीता, लक्ष्मण एवं हनुमान के स्वरूप अयोध्या की धरती को अपने चरणों से धन्य किया ।

श्रीराम के आगमन से धन्य हुई अयोध्या

अयोध्यावासी के साथ भाई भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप पूरी विह्वलता और आह्लाद के साथ भाई, भाभी का स्वागत करते हैं। रामकथा पार्क भी लंका विजय के बाद श्रीराम की वापसी के महापर्व को जीवंत करने के लिए अयोध्या पूरी तरह तैयार हो उठा। 

मुख्यमंत्री योगी ने प्रभु श्री राम का रथ खींचा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कई अन्य मंत्रियों, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, विधायक वेदप्रकाश गुप्त एवं रामचंद्र यादव सहित कई अन्य विशिष्ट लोगों के साथ श्रीराम और उनके समकालीन अन्य पात्रों के स्वरूप की अगवानी की और उन्हें त्रेतायुगीन वाहन रथ पर प्रतिष्ठित करा हेलीपैड से रामकथापार्क के मंच तक लाए । 

केंद्रीय आसन पर श्रीराम और सीता के स्वरूप तथा अन्य पात्रों के स्वरूप अगल-बगल के आसन पर विराजमान होते हैं। हनुमान जी के स्वरूप सेवाभाव की भूमिका के चलते खड़े रहते हैं। यहां राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अयोध्या के प्रतिनिधि संतों ने अभिषेक के साथ श्री राम-सीता के स्वरूप का विधिवत पूजन एवं आरती किया।

यह सब देख रहे लोगों में आयोध्यावासीयों की मुग्धता और उनकी आंखों से व्यक्त होती नमी बताती है कि दर्शक कुछ देर के ही लिए सही, युगों का अंतराल पाट कर श्रीराम के दौर को अनुभूत किया और श्रीराम सहित अन्य अनेक पात्रों के संगी-सहचर बनकर धन्य हो उठे।

प्रतीकात्मक राज्याभिषेक में आमंत्रित निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास कहते हैं, यही साधना का मूल है कि हम श्रीराम के सामीप्य और उनसे अभिन्नता की अनुभूति कर सकें और साधना से जुड़ा दीपोत्सव का यह पक्ष त्रेतायुग जैसा देख दर्शक विभोर हो गए । 

श्री राम की पैड़ी में सुसज्जित दीपों के प्रज्वलन का आस्वाद लेने बढ़ रहे जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य कहते हैं, दीपोत्सव अयोध्या की आत्मा के साथ अयोध्या की काया को वैश्विक प्रतिष्ठा दिलाने वाला महापर्व है और इसके आनंद में डूबे बिना रहना असंभव है। इस तरह दीपोत्सव 2023 ने त्रेतायुगीन दीपावली को जीवंत कर दिया ।

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