Vasth Tips For pooja Sthan : पूजास्थान के वास्तु नियम , स्थान और सही दिशा से मनोवांछित लाभ मिलता है।
Vasth Tips For pooja Sthan- घर के पूजा स्थल में नियमानुसार स्थान और सही दिशा से ही पूजा का फल मिलता है । पूजा स्थान में सुबह- शाम नियमित रूप से दीपक जलाना ,गंगा जल और शंख अवश्य रखना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर परिवार में सुख-सौहार्द का वातावरण बनता है।
सनातन धर्म में आस्था और विश्वास के साथ जब हम अपने घर में भगवान की पूजा करते है , तो परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना भी करते हैं। घर पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे, पूजा-पाठ का पूर्ण लाभ मिल सके इसके लिए आवश्यक है कि पूजा घर वास्तु नियमों के अनुसार होना चाहिए अन्यथा गलत दिशा में की गई पूजा से लाभ होने की बजाय आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पूजा का आदर्श स्थान
अपने घर में पूजन हेतु उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा पूजा करने के लिए आदर्श स्थान है क्योंकि यह कोण पूर्व एवं उत्तर दिशा के शुभ प्रभावों से युक्त होता है। घर के इसी क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव शत-प्रतिशत होता है।
पूजा करते समय दिशा
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजन करते वक्त मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर करना चाहिए। वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि धन प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके की गई पूजा चमत्कारिक लाभ देती है।
किस देवता के लिए कौनसी दिशा
प्रत्येक दिशा के अपने देवता हैं जो उस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए उस क्षेत्र के देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उस दिशा विशेष में ही पूजा करना उत्तम रहता है, विशेष प्रयोजन हेतु जैसे देवी माँ और हनुमान जी की पूजा दक्षिण दिशा में,धन की दिशा उत्तर में , गणेश,लक्ष्मी जी एवं कुबेर की उत्तर एवं पूर्व दिशा में , शिव परिवार,राधा-कृष्ण,श्री राम दरबार,भगवान विष्णु की पूर्व में आराधना एवं सूर्य उपासना करने से परिवार में सौभाग्य की वृद्धि होती है।शिक्षा की दिशा पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में विद्यादायिनी माँ सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है । लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार आप पूजा करने के लिए ईशान दिशा ही उत्तम मानी गई है ।
पूजन के नियम
पूजा स्थल में सुबह -शाम नियमित रूप से दीपक जलाना, गंगा जल और शंख अवश्य रखना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर परिवार में सुख-सौहार्द का वातावरण बनेगा। कभी भी सूखे हुए पुष्प पूजा घर में न रखें, वास्तु में इसे शुभ नहीं माना गया है। पूजा घर में किसी भी प्रकार सात्विक रंग जैसे हल्का हरा,पीला,जामुनी या क्रीम रंग का यहां प्रयोग करने से मन को शांति मिलती है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
1. पूजास्थल के नीचे या ऊपर शौचालय नहीं होना चाहिए।
2. पूजास्थल में महाभारत की प्रतिमाएं, प्राणी तथा पक्षियों के चित्र नहीं होने चाहिए। दिवंगतों की तस्वीरें भी नहीं रखनी चाहिए ।
3. पूजास्थल में धन-संपत्ति या गहने छुपाकर रखना शुभ नहीं माना गया है।
4. पूजास्थल में खंडित तस्वीर या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
5. पूजास्थल हमेशा ईशान कोण मे ही बनवाना चाहिए। या घर के ईशान कोण वाले कमरे में ईशान में पूजा करे । दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
आपके अमूल्य सुझाव , क्रिया – प्रतिक्रिया स्वागतेय है ।
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